Dhara 307 Lyrics
जान रह ताड़ काहे दूरे दुरे
हमार सपना क देबअ का चूरे चूरे
भूल जो रे पगली प्यार तेहू अब मान ले हमारा बात के
खोजे पुलिस दिन रात के धारा लागल 307 के
प्यार के भूत अपना दिल से मिटाद
रिश्ता जवन रहे सब तू भूलाद
कइसे जीयब रे पगला तोरा बिना
अब तेरे बिना भी मेरा क्या जीना
कबहू आरेस्ट हो जाईब जानू मिली ना दिन मुलाकात के
खोजे पुलिस दिन रात के धारा लागल 307 के
आज से ना मिले अइबू किरीया तू खालअ
शुभम के साथे आपन घर बर बसाल
ई जवानी बा तहरे नाम के सनम
छोड़ी मोनू के दोसरा के बनब ना हम
कइसे अब समझाई ए दादा ई लइकिन के जात के
ह त खोजे पुलिस दिन रात के धारा लागल 307 के
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